Maiya mori mein nahin makhan khaayo lyrics-
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो,
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो...
इस भजन की वास्तविकता हम सब जानते है, कान्हा ने माखन तो खाया था,
और मैया ने देख भी लिया था,
परन्तु अब मुह से निकल गया, तब ठाकुर जी तर्क देने लगे..
भोर भयो गैयन के पाछे,
तूने मधुबन मोहे पठायो,
चार पहर वंशी वट भट्कयो,
सांझ परे घर आयो,
री मैया मोरी मैं कब माखन खायो...
(bhor bhayo gaiyan ke paache,
tune madhuban mohe pathaayo,
chaar pahar vanshi vat bhatkayo,
saanjh pare ghar aayo)
अब ये तर्क नहीं चला, तो दूसरा तर्क देने लगे..
मैया मोरी, मैं बालक, बैयन को छोटो,
ये छींको किस विधि पायो.
मैया बोली, बातें मत बनाओ, ये मुह पर माखन कैसे लगा??
मैया ये ग्वाल-बाल सब बैर पड़े हैं,
बरबस मुख लपटायो,
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो... :)
Here is the video-
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